माँ


priyanka



❣   *माँ* ❣

पता नही दूर रहकर भी मुझसे,
आवाज़ सुनकर मेरी तकलीफ समझ जाती हो।
बिना थर्मामीटर लगाय,
मेरी तबियत जान लेती हो।

बन जाती हो तुम डॉक्टर भी,
जब होती है मेरी तबियत खराब,
घरेलू नुस्खे अपनाकर,
रखती हो तुम मेरा खूब ख्याल।

बन जाती हो तुम टीचर भी,
जब नही आता मुझे समझ मे कुछ।
बन जाती हो तुम अलार्म घड़ी भी,
मुझे सवेरे जगाने के लिये।

हो जाती हू मैं तुमसे गुस्सा,
जब  तुम डाँटती हो मुझे।
लेकिन होता है अफसोस बाद में,
क्योंकि तुम ही सही सलाह देती हो मुझे।

तुम्हारे खाने की कदर तो मुझे तब समझ आयी,
जब मैं होस्टल में आकर मेस का खाना खाई।
सच मे माँ, तुम्हारे हाथों में जादू है,
बनाती हो तुम इतना स्वादिष्ट खाना,
की खाने के बाद बस उंगलिया चाटते रह जाये।

नही गुज़रता मेरा एक भी दिन,
बिना तुमसे बात किये हुए।
नही आती मुझे चैन की नींद,
बीना रोज़ को दिनचर्या बताते हुए।

जितना भी लिखू,ये सब कम है ।
तुम्हारे बिना जीवन अधूरा है ।
जो भी है अब तक सीखा,सब तुमसे ही सीखा।
हर मुश्किल का सामना डटकर करना सीखा।

तेरी यादों में माँ,
 आज मेरी आँखे भर आयी।
ये खुशनुमा मौसम ने,
आज फिर तेरी याद सताई।



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