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Shazia



क्यों मैं तेरा इंतज़ार करती हूं ?
क्यों मैं याद तुझे बार बार करती हूं ?
कुछ तो था नहीं तेरे मेरे दरमियां,
फिर भी मैं क्यों तुझसे प्यार करती हूं ?
क्यों तेरी तस्वीर को देखा करती हूं ?
क्यों तेरी एक झलक पाने को तरसती हूं ?
कुछ वक़्त तो साथ बीते थे कभी,
फिर भी मैं क्यों हर बार शिकायत करती हूं ?
क्यों कोशिशें बेकार करती हूं ?
क्यों तुझपर शब्दों से वार करती हूं ?
नहीं है किस्मत में एक दूजे को पाना,
फिर भी मैं क्यों कश्ती लिए इस दरिया को पार करती हूं ?...

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