Neend ki ...


Shazia



बीती कितनी ही रातें तेरे इंतज़ार में,
अब जो छूटी आस तेरी तो,
चुका दी उधारी नींद की ....!!
रुक जाना अभी तू कुछ पल
जो हुई है अब देर ही,
बाक़ी है अभी भी
कुछ किश्तें नींद की ...!! 

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