खत एक माँ का


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मेरी प्यारी बिटिया और बेटू
मैं तुम्हारी मम्मा तुम दोनों से बेहद प्यार करती हूँ और तुम्हारे पापा भी।
भले ही इस दुनिया के लिए अभी तुम दोनों का कोई अस्तित्व ना हो, लेकिन हमारे लिए तुम दोनों हमारी पूरी दुनिया बन चुके हो। कल्पनाओं के संसार में तुम दोनों के साथ हमने अपनी एक अनोखी दुनिया बसा ली है, जहां तुम दोनों की अठखेलियाँ है, मासूम शरारतें है। तुम्हारी मोहक मुस्कान और खिल-खिल हँसी से गूँजता रहता है हमारा आशियां।
जब शाम को तुम्हारे पापा थककर घर आते है तो यूँ अनुभव करते है कि तुम दोनों अपने नन्हे-नन्हे कदमों से दौड़ते हुए 'पापा आ गए' कहते हुए उनकी गोद में चढ़ गए हो।
और मेरे बच्चों मात्र इस कल्पना से ही उनकी सारी थकान मिट जाती है।
रसोई में काम करते हुए मैं अक्सर ये सोचती हूँ कि तुम दोनों मेरा आँचल पकड़कर मचलते हुए अपनी तोतली बोली में मुझसे नित-नयी फरमाइशें कर रहे हो कि मम्मा हमें ये नहीं ये खाना है।
कभी हम दोनों ये कल्पना करते है कि तुम्हारी शरारतों पर मैं तुम्हें डाँट लगा रही हूँ और तुम दोनों अपने पापा के पीछे छुपे हुए चुपके से देख रहे हो मुझे।
कभी ये लगता है उनके कंधे पर चढ़कर कह रहे हो- मम्मा अब पकड़ो तो हमें।
तो कभी हम ये कल्पना करते है कि 'क से कमल' सही-सही पढ़ लेने पर शाबाशी पाने के लिए अपनी नन्ही आँखों से टुकुर-टुकुर देख रहे हो तुम हमें।
चाहे होली का त्योहार हो, या दशहरे का मेला, या की दीवाली की रौनक, सबमें तुम दोनों हमारे साथ शामिल रहते हो।
कल्पना में ही तुम दोनों को सजाते-संवारते हुए, तुम्हारे साथ खेलते हुए हम दोनों ना सिर्फ अपना बचपन फिर से जी रहे है, वरन तनाव से भरी हुई इस हकीकत की दुनिया में रहते हुए भी खुलकर मुस्कुरा रहे है, और राह देख रहे है उस अनमोल घड़ी की जब तुम दोनों कल्पना से निकलकर हकीकत में हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बनोगे और हमारी दुनिया खुशी से झूम उठेगी।
जानते हो मेरे प्यारे बच्चों, मैं अक्सर ही तुम दोनों की सुरक्षा को लेकर भयभीत हो उठती हूँ। इस ख्याल से ही सहम जाती हूँ कि कहीं कोई बुरा इंसान तुम्हें हानि ना पहुँचाये।
तब तुम्हारे पापा मुझे समझाते है कि हम हमारी बिटिया को, हमारे बेटू को इतना मजबूत और साहसी बनाएंगे की वो हर मुसीबत से लड़कर जीत जाएंगे।
प्यारे बेटू, हम चाहते है तुम एक ऐसे इंसान बनो जो सदैव स्त्रियों का सम्मान करे, उनकी कद्र करे, ना कि उन्हें तुच्छ और भोग की वस्तु समझे।
और प्यारी बिटिया, तुम्हारे लिए हम चाहते है तुम अपने दम पर अपनी वो पहचान बनाओ जिस पर सम्पूर्ण नारी जाति को गर्व हो।
निडर, निर्भीक और आत्मविश्वास से परिपूर्ण देखना चाहते है हम तुम्हें।
हम चाहते है तुम दोनों अपने आस-पास की दुनिया को प्रेम और अच्छाई के कभी ना फीके पड़ने वाले रंगों से सजाओ।
हमारे नटखट दुलारों, जानते हो हम अक्सर ये भी कल्पना करते है कि जब तुम दोनों बड़े हो जाओगे और हम तुमसे अपनी इस काल्पनिक दुनिया के किस्से बाँटेंगे तब तुम दोनों हम पर कितना हँसोगे और कहोगे- मम्मा-पापा, आप दोनों सच में हमारे लिए इतने पागल थे।
और हम तुम्हें गले लगाते हुए कहेंगे- इससे भी कहीं ज्यादा।
और फिर हम चारों की सम्मिलित हँसी के ठहाकों से हमारे घर का कोना-कोना गूँज उठेगा।
तुम्हारे इंतज़ार में
तुम्हारी बेसब्र माँ और पापा

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