तारें घने बादलों में


Priya rajoriya



एक दिन काफ़ी बारिश हुई थी ,रात के समय अचानक से मेरी नज़र आसमां की तरफ पड़ी । मैं उन घने बादलों को देखने लगी और सोचने लगी,आज तो एक तारा भी नज़र नहीं आएंगे। मैं कुछ देर आसमां की तरफ देखती रही। अचानक से मेरी नज़र एक टीमटीमाते तारे पर पड़ी ।तब मुझे समझ आया तारें तो सभी यहीं है बस बादलों में ढकने की वजह से चमक कम हो गई है।हम भी तो तारें जैसें है बुरे वक्त मे हमारी चमक भी कम पड़ जाती हैं पर खोती नहीं।।

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