तेरा हौले हौले करीब आना
वो, प्यार नहीं तो क्या था ...??
वो नज़रों से नज़रें मिलाना,
वो बेइज़ाजत मुझे छू जाना,
तो कभी एक टक देखते देखते
नज़रे चुरा कर फ़िर दूर से हाथ हिलाना
वो, प्यार नहीं तो क्या था ...??
वो हर बात में मुझे तलाशना,
हर छोटी बड़ी बात मुझ ही से पूछना और बताना,
और मेरे एक इनकार पर रूठ जाना,
वो, प्यार नहीं तो क्या था ...??
वो तेरा मुझसे हर बात पर लड़ना,
फ़िर भी हमेशा मेरी फ़िक्र करना,
और जाने अनजाने या फ़िर जानबूझकर
बातें घुमाकर मेरा ज़िक्र करना
वो, प्यार नहीं तो क्या था ...??
वो बिन मनाए ही तेरा मान जाना,
मेरे खो जाने पर मुझे ढूढ़ कर लाना,
ज़रा दूर के रस्ते पर भी मुझे घर तक छोड़ कर आना
और दिन ढलने पर भी उस दिन अपनी खुशी बांटने मुझ तक आना
अब तो कह दो ...
वो, प्यार नहीं तो क्या था ...??