Achha lagta hai....


Shazia



अच्छा लगता है,
जब मैं देखती हूं तुझे हंसते हुए 
अच्छा लगता है,
जब मैं देखती हूं तुझे ख़्वाब बुनते हुए
अच्छा लगता है,
जब तेरे चेहरे की चमक सूरज से कम नहीं होती
अच्छा लगता है,
जब तेरी बोली में ख़ुशी की सरगम बजती है
अच्छा लगता है,
जब तुम उसकी आंखों में खो जाते हो
अच्छा लगता है,
जब तुम साथ उसके मुस्कुराते हो
अच्छा लगता है,
जब वो तेरे संग संग चलती है
अच्छा लगता है,
जब हवा भी साथ खेल खेला करती है
अच्छा लगता है,
जब लाल हो जाती है वो तेरे दीदार से
अच्छा लगता है,
जब तुम भी शर्मा जाते हो उसके प्यार से
अच्छा लगता है,
जब रातों को साथ देखती हूं तुमको उसको
अच्छा लगता है,
जब सुकून तेरी ख़ुशी में मुझे भी मिल जाता है
अच्छा लगता है,
जब मानो चुपके से किसी कोने कि खिड़की से
झांक कर तुझको बादलों में छिप जाती हूं
अच्छा लगता है,
जब चंदा संग तेरी याद में
मैं चुपके चुपके निंदिया की लोरी गाती हूं ...!!

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